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About  the  Blog: 

बिज़नेस स्टार्टअप ब्लॉग मेरा सपना है दोस्तों रिटेल बिज़नेस में मेरे 10 सालों के तजुर्बे के साथ अपने इस ब्लॉग

के माध्यम से मैं बिज़नेस की शुरुआत कैसे करें और जो शुरुआत कर चुकें है बिज़नेस में पैसा कैसे कमाए, समस्याओं का समाधान,

अपने ग्राहक को कैसे जाने, कैसे सोशल मिडिया के जरिये अपने बिज़नेस को बढावा दें, बिज़नेस से 

जुडी बहुत सी बातें साँझा करूँगा। बस आपको देना होगा मेरा साथ "आपकी सफलता में ही मेरी सफलता है"।

About  Me:

दोस्तों मैं हरीयाणा में रहता हूँ , अब मैं एक लेखक हूँ। लेकिन आज से छह माह पहले मैं लेखक नहीं था।

सन 2005 में अपनी पढ़ाइ पूरी करने के बाद मैंने एक छोटा सा कंप्यूटर हार्डवेयर का एक साल का कोर्स किया।

उसके बाद मई 2008 में मैंने मोबाइल टेलीकॉम स्टोर शुरू किया जोकि हमारी खुद की जगह पे था। मुझे स्टोर रेंट देने कि कोई फ़िक्र नहीं थी।

2008 में जब मैंने स्टोर शुरू किया तो मेरे पास एक चाइना का मोबाइल था। उस वक़्त चाइना मोबाइल का क्रेज़

काफी जोरो शोरो पे था। मेरे स्टोर की शुरुआत में मेरे पास एक डेस्कटॉप कंप्यूटर और एक काउंटर था

इसके अलावा मुझे ये भी नहीं पता था के क्या काम कैसे करना है। मैंने धीरे धीरे काम करने के साथ साथ बहुत कुछ सीखा सिर्फ अपने खुद के काम करने से मैं  खुद से ही सीखता चला गया

शुरुआत कंप्यूटर से मोबाइल और मेमोरी कार्ड डाउनलोडिंग करने से की थी एक महीने बाद सिम रिचार्ज

की अधिक मांग होने पर मैंने अपना चाइनीस मोबाइल 2500 रुपये में अपने  मित्र को सेल कर दिया और उस

पैसे से रिचार्ज के लिए कुपोंन रखने शुरू कर दिये मेरे पास सबसे पहले वोडाफोन कंपनी के रिचार्ज कूपोंन  उपलब्ध होने लगे फिर अधिक मांग आने

पर मैंने सबसे पहले airtel  कंपनी का फ्लेक्सी रिचार्ज शुरू कर दिया। 

ऐसे करके धीरे धीरे मैंने खुद के काम से कमा कर बिना किसी से पैसे लिए अपने बिज़नेस में एक्सेसरीज को

भी ऐड कर दिया। मेरा नाम और काम कब मार्किट में बन गए मुझे पता भी नहीं चला।  इस सब के पीछे था

मेरा डाउनलोडिंग और लेमिनेशन में इंट्रेस्ट मेरे काम से लोग बहुत खुश होते थे और वो बार बार छोटे मोटे

कामो  लिए मेरे पास आना पसंद करने लगे ऐसे बहुत से काम भी थे जो मैं बिना कोई पैसे लिए ग्राहक के

लिए कर दिया करता था जिससे लोगो के साथ मेरा बिज़नेस रिलेशन अच्छा बन गया

वो काम थे। ....... 


  1. रिचार्ज संबंधित कोई भी किसी भी तरह की सहायता 
  2. मोबाइल लैमिनेशन में आयी कमियों को दूर करना 
  3. डाउनलोडिंग में सुधार करने 
  4. मोबाइल  के बारें में किसी भी तरह की जानकारी देना 
  5. किसी भी अच्छे मोबाइल की जानकारी देना
  6. मोबाइल में आने वाली छोटी मोटी सॉफ्टवेयर से जुडी दिकत्तों को दूर करना 
  एक साल के अंदर ही मेरा नाम पूरी तरह से मार्किट में छा गया। लोग मुझसे पूछने लगे की मेरे लिए कोन सा

मोबाइल लेना अच्छा रहेगा हलाकि मेरे काम में मोबाइल रिटेल अभी तक शामिल नहीं हुआ था

लोगो का मुझ पे पूरा विस्वास बनने लगा था। मैं भी दिन पर दिन अपने फील्ड में अपनी जानकारी को बढ़ावा दे

रहा था। मेरा सोंख था अपने स्टोर को साफ सुथरा चमका के रखना उसके लिए मैं जरूरत पड़ने पर

नए नए बदलाव करता रहता था। बिज़नेस शुरुआत के ठीक एक साल बाद मैं अपने स्टोर पर

नयी एलसीडी मॉनिटर और ऑफिस चेयर लेकर आया मेरा काम हर दिन बहुत अच्छी तरह से बढ़ रहा था।

मैं भी अपने काम को बढ़ाने में लगा हुआ था।

2009 में मैंने मोबाइल रिटेल को भी शामिल किया अपने स्टोर में , शुरुआत में मैंने चाइनीस मोबाइल सेल

किये जो की मेरे लिए उस वक़्त बहुत बढ़िया साबित हुए, फिर मैंने कुछ ब्रांडेड कंपनी के मोबाइल्स 

भी शामिल किये ऐसे करके मेरी सेल दिन पर दिन बढ़ती रही। सन 2009 के लास्ट में मैंने एक पुरानी बाइक

भी खरीदी जो की मेरी खुद की कमाई से थी। मेरे पास मोबाइल एक्सेसरीज के लिए भी बहुत अच्छे ग्राहक थे।

2010 में मैंने देखा की मेरी सेल कम होने लगी है  उसका कारण मेरे समझ में नहीं आया मैंने मोबाइल स्टोर की

जगह को बदलने की सोची और मैंने ऐसा किया भी अपनी खुद की जगह को छोड़ के मैंने रेंट पे एक दुकान

का इंतजाम किया और वहां अपना स्टोर ले गया , लेकिन वहां मुझे बहुत सी दिक्कतें हुई और जल्द ही फिर से

अपनी खुद की जगह पे लोट आया मेरा स्टोर को दूसरी जगह ले जाने का फैसला बिल्कुल सही था , लेकिन कुछ

घरेलू दिक्क्तों के कारण मेरा ये फैसला मेरे लिए सही साबित नहीं हुआ

मेरा काम दिन पर दिन जिस तेजी से बाढ रहा था फिर उस तेजी से निचे भी आने लगा। मैंने बहुत सारी

कोशिशे की लेकिन मैं फिर से काम चला नहीं पाया मैं टूट सा गया था। मेरा मन काम से हटने लगा था अब मैं

सिर्फ खर्च के लिए पैसे ही जुटा पा रहा था अपने मोबाइल स्टोर से मेरे ग्राहक मुझसे टूटने लगे। वो एक ऐसा दौर

था मेरी ज़िन्दगी का जिसमे मैंने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ सीखा ,


2011 मेरे अंदर अजीब सी आग थी अपना काम फिर से उसी रफ़्तार पर ले जाने की जिस रफ़्तार से मैं लोट आया

था और मैंने इस पे काम करना शुरू कर दिया था। मैंने अपने काम के डाउन आने के कारणों को देखा और उनमें सुधार किया और कुछ ही दिनों में मेरे खोये हुए ग्राहक फिर से मुझसे जुड़ने लगे

मेरे दिमाग में जितने भी idea आते थे काम को बढ़ाने के लिए मैं उन पे तुरंत विचार करके काम करना शुरू कर देता था।

2011 में ही मैंने डेस्कटॉप कंप्यूटर को सेल करके लैपटॉप में भी अपग्रेड कर लिया था जोकि मेरे काम के

लिए बहुत ज्यादा असरदार साबित हुआ।  लाइट के आने पर ही डेस्कटॉप कंप्यूटर से काम होता था और

लाइट के आने और जाने का कोई समय नहीं था। तब मैंने लैपटॉप को अपने काम में शामिल करने की सोची

और मेरी ये सोच मेरे काम के लिए बहुत अच्छी साबित हुई


2012 और 2013 एक ऐसा दौर जब लोगों को स्मार्ट फ़ोन क्या चीज़ है ये पता भी नहीं था अच्छे से ये खुद को

बदलने का दौर था जिसके लिए मैं बिल्कुल तैयार था दूसरों से बेहतर करने की मेरी आदत मुझे दूसरों से

आगे रखती थी। तब मेरी android  फ़ोन्स को लेकर दिलचस्पी बहुत अधिक थी और ये मेरे बहुत काम आयी।
मैंने android के बारे में लोगो को बताना शुरू कर दिया था।अब जिसने इंटरनेट के लिए GPRS की सर्विस को

महसूस किया हो वो तो 3G की सर्विस देखकर उछलने लगता था। एंड्राइड फ़ोन में इंटरनेट चलाना और वो

भी 3G सर्विस के साथ एक गजब का लगाव लोगो में बढ़ने लगा मैं भी android phones  और  इंटरनेट को

लेकर अपनी जानकारी को बढ़ाने लगा। मेरा काम लोगो में बहुत अच्छा साबित होने लगा। android phones 

और internet के बारें में मेरी जानकारी की चर्चा लोगो के बेच होने लगी और लोग मुझसे अधिक से अधिक

जानकारी लेने के लिए जुड़ने लगे। मोबाइल फ़ोन्स के कुछ ऐसे काम थे जिनका मैं स्पेसलिस्ट बन चूका था अपने आस पास के सभी लोगो के बीच।

ऐसे कुछ काम जिनका मैं specialist बन गया था


  1. लैमिनेशन 
  2. डाउनलोडिंग 
  3. इंटरनेट सेटिंग 
  4. earphones 
  5. इंटरनेट रिचार्ज की जानकारी 
  6. मोबाइल फ़ोन सलाहकार 

2013 में मेरे मोबाइल स्टोर पे मेरे पास एंड्राइड फ़ोन्स की अच्छी खासी रेंज थी और मोबाइल एक्सेसरीज की

तो जैसे भरमार ही थी मेरे पास, नया नया क्रेज था लोगो में मोबाइल के साथ कवर खरीदना स्क्रीन गार्ड लगवाना

और भी बहुत सी चीज़ें जो की मुझे बहुत फायदा दे रही थी और लोगो को मेरी सर्विस बहुत पसंद आ रही थी ऐसे ही चलता रहा मैंने बहुत सारे काम किये ideas लगाए आपने काम को एक अच्छे लेवल पर लाने के लिए

2013 से 2016 तक मेरे मोबाइल स्टोर में मेरी इन्वेस्मेंट अब 5 lakh को क्रॉस कर चुकी थी मतलब की

5 lakh रुपये का सामान मेरे स्टोर में मौजूद था जो की साल 2008 में मैंने सिर्फ 2500 रुपये से शुरू किया

था ।  मैंने बहुत सारे बदलाव किये अपने स्टोर में जो की सबको बहुत अच्छे लगे। मेरा अपने

ग्राहकों को वैल्यू देना उनके बीच में मुझे लोकप्रिय बनाता गया और मैं अपनी सर्विस में सुधार करने के साथ

साथ बहुत सारी उपलब्धिया प्राप्त करता गया। सभी डिस्ट्रीब्यूटर के साथ मेरी बहुत अच्छी बात थी जो की मोबाइल रिटेल के काम में सबसे ज्यादा जरूरी है।

साल 2016 मेरी 8 सालों की दुकानदारी में मुझे पहला और सबसे बड़ा झटका लगा

मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पे मौजूद मेरा मोबाइल स्टोर 7 फरवरी 2016 रात के ठीक 2:15 बजे मेरे पास कॉल

आती है। जोकि मेरे पड़ोसी ने मुझे की थी के भाई आपकी दुकान में चोरी हुई है जल्दी से मोके पे आओ मैं

बिल्कुल भी नहीं घबराया और में स्टोर पे पहुँच गया और देखा वहां मेरे स्टोर के पीछे की तरफ भीड़ इकठा हुई

थी। जो की मेरे स्टोर के पीछे की दिवार के कोने की तरफ इशारा कर रहे थे जहाँ से चोरी के लिए दिवार को तोडा गया था।
मैं फिर भी बिल्कुल नहीं घबराया लेकिन जब मैंने देखा अपने स्टोर के दरवाजे को खोल कर

तो वहां सब कुछ बिखरा हुआ था और मैं पूरी तरह से बर्बाद हो चूका था क्यूंकि चोर मेरे स्टोर से मेरे सभी

मोबाइल अपने साथ ले जा चुके थे मेरे स्टोर में अब थोड़ी सी एक्सेसरीज के सिवा और कुछ नहीं था जिससे

मैं काम चला सकू। मैं पूरी तरह से हैरान था और मैं कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। 

लोग मुझे सहानु भूति देने में जुट गए। लेकिन कमाई का कोई और जरिया न होने की वजह से मैं सोच रहा था

के अब कैसे काम चलेगा कहाँ से मैं घर के खर्च पूरे करूँगा मुझे अपनी कोई परवाह नहीं थी। मुझे उस वक़्त

अपने परिवार की चिंता थी और ख़ास तोर पे मेरे काम की जो अब बिखरा हुआ सा दिखाई दे रहा था।

मैं कुछ देर स्टोर पे रुका फिर पुलिस को कॉल किया 100 no. पे और एफआईर दर्ज कराई। सुबह होते ही

पुलिस ने मोके का जायजा लिया और चले गए। लेकिन मेरे मन में बहुत से सवाल थे की क्या मेरा सामान मुझे

वापिस मिल पायेगा क्या मेरी मेहनत से कमाया हुआ मेरा सब सामान मुझे मिलेगा। और मेरे सवालों का

जवाब मुझे बहुत जल्द मिल भी गया था जो की नहीं में था।

बस इस हादसे के बाद तो जैसे मेरी जिंदगी में तूफानो के दौर से चल गए। मैंने जैसे कैसे करके खुद को

संभाला पूरे तीन दिन के बाद टूटी दीवार की मुरमत करा के मैंने फिर से स्टोर पे आना शुरू कर दिया जिसमे

अब बेचने के लिए सिर्फ एक्सेसरीज ही बची थी ये भी सही रहा था उस वक़्त मेरे पास लैपटॉप था जो की मैं

हर रोज घर ले आया करता था। बस मैं मोबाइल फ़ोन्स ही घर नहीं लाता था ये सोच के की मेरा स्टोर तो मेरे

घर के पास ही है यहाँ चोरी नहीं हो सकती लेकिन एक कहावत है
जब तक इंसान को ठोकर नहीं लगती तब तक वो संभलना नहीं सीखता  
ऐसा ही मेरे साथ हुआ शुरुआत से लेकर 2008 से  6 फरवरी 2016 तक बिज़नेस में बहुत से उत्तार चढ़ाव

आये लेकिन ऐसा खरतनाक काम नहीं हुआ था चलो जो हुआ सो हुआ लेकिन अब मैं चोरी को लेकर सतर्क हो

चूका था धीरे धीरे मैंने फिर से काम को रफ्तार पे लाने के लिए अपने तजुर्बे के हिसाब से कोशिश को शरू कर दिया।
हलाकि मेरे हालत दिन पर दिन बिगड़ने लगे थे फिर भी मेरे अंदर बहुत हिम्मत बची हुई थी जूनून था के फिर

से बिज़नेस को वापिस लाना है लेकिन एक के बाद एक पारिवारिक दिक़्कतें भी आना शुरू हो गयी जिनको

मैं संभल नहीं पा रहा था हालत बिगड़ते जा रहे थे दोस्तों जब बुरा वक़्त आता है तो चारों तरफ से आता है। 

मैंने संभालना शुरू ही किया था के


साल 2017 में फिर से मेरे मोबाइल स्टोर में चोरी हो गयी अब की बार चोरी सामने से शटर को तोड़ कर की

गयी जिसमे मुझे ज्यादा नुकसाहन नहीं हुआ क्यूंकि मोबाइल फ़ोन्स तो मैं घर लेके जाता था अपने साथ पेहले

की तरह स्टोर में हि नहीं छोड़ता था। फिर भी मेरा 60,000 रुपये का नुकशान हुआ क्यूंकि अब की बार

चोर एक्सेसरीज और इन्वर्टर उठा ले गए। मैं पहले ही सम्भलने की कोशिश में लगा हुआ था और फिर ये

घटना अब मैं सोचने लगा के इस काम को छोड़ देंना ही बेहतर होगा लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया अब फिर से

मैंने मोबाइल स्टोर ही चलाने की सोची वो भी दूसरी जगह पे और मैंने ऐसा किया भी लेकिन न तो अब मेरे

पास उतना पैसा बचा था के मैं कुछ बड़ा कर पाता पहले जैसा और न ही घर में कुछ ठीक था।

2017 से 2018 मार्च तक मैंने दूसरी जगह पे स्टोर को चलाया जिसमे मैं पारिवारिक दिक्कत्तों के चलते समय न

दे पाने के कारण मुझे स्टोर छोड़ना पड़ा हमेशा के लिए

अब मेरे आगे दो चुनौतियां खड़ी थी एक परिवार की समस्याओं का समाधान और दूसरा एक ऐसा काम जिस्मे इनकम करने के लिए मुझे घर पे ही बैठ कर कुछ काम करना हो

मैंने इंटरनेट पे जाकर ऑनलाइन काम करने की काफी सारी जानकारियां उठायी सब अलग अलग तरह के

काम को देखा कुछ मुझे अच्छे भी लगे जिनको मैंने करना चाहा लेकिन सफल नहीं हुआ पर कुछ दिनों से

मुझे ब्लॉग्गिंग के बारें में ख्याल आ रहा था के ये काम करना कैसा रहेगा मुझे सही लगा फिर चुनौती ये थी की

मैं ब्लॉग्गिंग में ऐसा क्या करू के अपने लिए ब्लॉग्गिंग में एक जगह बना सकू , काफी सोचने के बाद बहुत सारे

वीडियोस देखने और आर्टिकल पढ़ने के बाद मैंने फैसला लिया के जीस काम का मुझे सबसे ज्यादा तजुर्बा

है मैं उसी काम को करूंगा हाँ मैं अपने सभी प्यारे दोस्तों को जो बिज़नेस करने की सोच रहे हैं लेकिन कुछ

सवाल उनके मन में है जैसे की  बिज़नेस की शुरुआत कैसे करें , कौन सा बिज़नेस खुद के लिए चुने , 

बिज़नेस में सफल कैसे हों , बिज़नेस की ग्रोथ कैसे करें  इन सभी बातों के बारें में जानकारी दूंगा और रिटेल

बिज़नेस में मेरे 10 सालों के तजुर्बे को लेकर मैं उन सभी दोस्तों को सफलता की और लेके जाऊंगा जो बिज़नेस के प्रति लगाव रखते है और ये मेरा आप सब से वादा है दोस्तों

बस आप हम से जुड़ें अपने काम के बारें में बताये किस प्रकार सहायता चाहतें है कौन सा बिज़नेस आप करते है या करना चाहते है हम आपकी पूरी तरह से सहायता करेंगे।
हमसे जुड़ने के लिए आप हमे email के द्वारा contact कर सकते हो जो की इस प्रकार है

startupb4u@gmail.com

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